कर्नल सैंडर्स ने 40 साल की उम्र में एक सर्विस स्टेशन में चिकन व्यंजन बेचना शुरू किया और जल्द ही उनको उसे बंद करना पड़ा। चार साल बाद एक नया मोटल खरीद कर चलाया लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध की वजह स उनको ये मोटल मजबूरी में बंद करना पड़ा।
युद्ध के बाद, उन्होंने अपने रेस्तरां में 1,009 बार चिकेन बनाया और हर बार चिकेन फ्लॉप रहा। लेकिन अंत में सैंडर का “गुप्त नुस्खा” “केंटकी फ्राइड चिकन” गढ़ा गया था, और जल्दी से हिट हो गया। देश भर में केएफसी के कर्मचारियों को फैलाने और केएफसी के कर्मचारियों को काम पर रखने के अपने सपने को आगे बढ़ाया, तब बूमिंग रेस्तरां अपंग हो गया। वर्षों की असफलताओं और दुर्भाग्य के बाद, सैंडर्स ने आखिरकार लोगो को बड़ा झटका दिया। KFC का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार हुआ और उन्होंने कंपनी को दो मिलियन डॉलर (आज 15.3 मिलियन डॉलर) में बेचा। आज भी, सैंडर्स KFC की ब्रांडिंग में केंद्रीय बने हुए हैं और उनका चेहरा अभी भी प्रयोग किया जाता है। उनकी बकरी, सफेद सूट और पश्चिमी स्ट्रिंग टाई दुनिया भर में स्वादिष्ट देश फ्राइड चिकन का प्रतीक है। 90 साल की उम्र में सैंडर्स का निमोनिया से निधन हो गया। उस समय, 48 देशों में लगभग 6,000 केएफसी स्थापित हो चुके थे। यदि
आप अस्वीकृति से अभिभूत हैं या असफलताओं से हतोत्साहित हैं, तो कर्नल हारलैंड सैंडर्स की कहानी को याद करें। कई नौकरियों से निकाल दिया गया, अपने कानूनी कैरियर को बर्बाद कर दिया, ग्रेट डिप्रेशन, आग और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भी उन्होंने अपना व्यापार वापस सेट किया, फिर भी दुनिया में सबसे बड़ी फास्ट फूड चेन में से एक बनाया।
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